भारत में कृषि एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। लेकिन खेती में पानी की कमी एक गंभीर समस्या है, जो फसलों की उपज और किसानों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करती है। ऐसे में वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) के उपाय न केवल फसलों के लिए आवश्यक जल संसाधन प्रदान करते हैं, बल्कि यह पर्यावरणीय स्थिरता को भी सुनिश्चित करते हैं।
वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) के जरिए किसान न केवल जल संकट से निपट सकते हैं बल्कि अपनी फसलों की उत्पादकता में सुधार कर सकते हैं।
वर्षा जल संचयन के लाभ (The Benefits of Rainwater Harvesting)
जल संकट का समाधान (Solution to water crisis) : भारत में अनेक क्षेत्रों में सूखा और जल संकट एक प्रमुख समस्या है। वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) से जल संकट की स्थिति को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
फसलों की वृद्धि में सुधार (Improves growth of crops) : वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) को ठीक से संचित करने के पश्चात फसलों में आवश्यक मात्रा में पानी पहुंचाया जा सकता हैं , जिससे उनकी वृद्धि और उत्पादन में सुधार होता है
मृदा की गुणवत्ता में सुधार (Improvement in soil quality) : वर्षा का पानी मृदा में मिलकर उसकी नमी बनाए रखता है, जिससे मृदा की उर्वरता और संरचना बेहतर होती है।
वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण (Tree plantation and environmental protection) : संचित वर्षा का पानी, वृक्षारोपण और वनस्पतियों के लिए उपयोगी होता है, जो पर्यावरण को संतुलित रखने में मदद करता है।|
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भारतीय सरकार और कृषि विशेषज्ञों की राय
भारतीय सरकार और कृषि विशेषज्ञ बारिश के पानी की बचत के महत्व को मानते हैं और इसके लिए विभिन्न योजनाएँ और कार्यक्रम चला रहे हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY): इस योजना के अंतर्गत, किसानों को जल संचयन के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
- जलग्रहण प्रबंधन (Water Harvesting): सरकार ने विभिन्न जलग्रहण योजनाओं को प्रोत्साहित किया है, जैसे कि चेक डेम, गड्ढे और तालाब बनाना।
2. कृषि मंत्रालय की पहल: कृषि मंत्रालय जल संचयन और संरक्षण के लिए किसानों को प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराता है।
बारिश के पानी को संचित करने की प्रक्रिया (Process of Rainwater Harvesting)
जलाशय (Reservoir) : वर्षा के पानी को बड़े जलाशयों और रिजर्वॉयर में संचित किया जा सकता है।
चेक डेम्स और गड्ढे : छोटे चेक डेम्स और गड्ढे बनाकर पानी को मृदा में रिसने से पहले संचित किया जा सकता है।
रोड और खेत के बीच चैनल्स : फसलों के खेतों के चारों ओर चैनल्स बनाए जा सकते हैं ताकि पानी को खेत में आसानी से पहुंचाया जा सके।
वर्षा जल संचयन उपकरण (Rainwater Harvesting Devices) : वर्षा के पानी को संचित करने के लिए छतों पर जल संचयन उपकरण स्थापित किए जा सकते हैं।
मृदा की तैयारी (Soil Preparation) : मृदा को जल सोखने की क्षमता बढ़ाने के लिए जैविक सामग्री मिलाई जा सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
वर्षा जल संग्रहण (Rainwater Harvesting) की प्रक्रिया और इसके लाभ किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह न केवल फसलों की उपज को बढ़ाता है बल्कि जल संसाधनों की स्थिरता को भी सुनिश्चित करता है। भारतीय सरकार और कृषि विशेषज्ञ इस दिशा में लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन किसानों को भी इस दिशा में सक्रिय रहना होगा। बारिश के पानी की बचत की दिशा में उठाए गए छोटे-छोटे कदम भी बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।
इस प्रकार,वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) भारतीय कृषि के लिए न केवल एक आवश्यकता है, बल्कि यह भविष्य की खेती के लिए एक स्थायी समाधान भी है।
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लगातार पूछे जाने वाले प्रश्न :
प्रश्न-1 वर्षा जल संचयन के क्या लाभ हैं ?
उत्तर : वर्षा जल संरक्षण के कई लाभ हैं जैसे बाढ़ को कम करना, भूजल पर निर्भरता कम करना, सिंचाई के लिए उपयुक्त, रखरखाव में आसानी, पानी के बिल में कमी जैसे कई लाभ हैं।
प्रश्न-2 वर्षा जल संग्रहण की विधियां कौन कौन सी है?
उत्तर : वर्षा के जल को टांका (पानी के बड़े होद), छोटे तालाब, भूमिगत टैंक आदि के माध्यम से संरक्षित किया जाता है। इसके अलावा रेगिस्तानी या शुष्क इलाकों में मकान की छत से वर्षा जल संग्रहण हेतु भूमिगत टांका बनाया जाता है।
प्रश्न-3 वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) क्या है ?
उत्तर : Rainwater Harvesting एक सरल प्रक्रिया या तकनीक है जिसका उपयोग छतों, पार्कों, सड़कों, खुले स्थानों आदि से बहने वाले वर्षा जल को एकत्रित कर,भंडारण, परिवहन और शुद्ध करके बाद में उपयोग के लिए वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए किया जाता है।
प्रश्न-4 वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) क्यों आवश्यक है ?
उत्तर : लगातार बढ़ती प्राकृतिक जल संसाधनों की मांग के चलते, जल संकट को कम करने एवं भूजल स्तर बनाए रखने और जल स्तर में सुधार लाने के लिए वर्षा जल संचयन की तकनीक अत्याधीक आवश्यक है।
ओम गोधवानी
ओम गोधवानी बलवान कृषि में कंटेंट क्यूरेटर विभागाध्यक्ष हैं, जिनके पास कृषि और किसानों से सम्बंधित कंटेंट क्यूरेटशन में कई वर्षों का अनुभव है।