खाद्य सुरक्षा: भारत की जरूरत और राजस्थान की वर्तमान स्थिति

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खाद्य सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है देश के लिए क्योंकि ये हर नागरिक के जीवन को प्रभावित करता है। 

भारत में खाद्य सुरक्षा (Khadya suraksha) का मतलब है कि सभी लोगों को पर्याप्त, सुरक्षित और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन मिल सके। 

इसके लिए हमें केवल सरकारी योजनाओं पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहिए की खाद्य सुरक्षा हम सभी भारतीयों की सामूहिक ज़िम्मेदारी भी है।

खाद्य सुरक्षा (Food Security) की आवश्यकता क्यों है

बढ़ती जनसंख्या और बढ़ती भोजन की मांग:  जिस तरह लगातार भारत की जनसंख्या बढ़ रही है उसी अनुपात में खाद्य पदार्थों की मांग भी बढ़ रही है। अगर अभी भी खाद्य सुरक्षा (Khadya suraksha) पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में लोगों को भोजन की कमी का सामना करना पड़ सकता है। भुखमरी की समस्या से भी जूझना पड़ सकता है जैसे अभी भारत के पडोसी देश पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार जूझ रहे हैं। 

बढ़ती गरीबी और भूख: भारत में आज भी कई लोग भूखे पेट सोते हैं क्यूंकि भारत में एक बहुत बड़ा वर्ग गरीबी की रेखा से नीचे का जीवन जी रहा है। इस वर्ग को एक टाइम के खाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसे में पोषण सुरक्षा बहुत ही ज्यादा जरुरी मुद्दा हो जाता है ताकि ऐसे लोगों को, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं उन्हें पर्याप्त भोजन मिल सके और साथ ही वे सभी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से बच सकें।

खेती की समस्याएं: भारत में कई बार किसानों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़ और असमय बारिश के आदि का सामना करना पड़ता है। कड़ी मेहनत और पसीना बहाकर उगाई गयी फसलें खराब हो जाती हैं। अगर अभी भी इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया या फिर इन समस्याओं का हल नहीं निकाला गया तो इन आपदाओं की वजह से खाद्य संकट उत्पन्न हो सकता है। सरकार द्वारा संचालित खाद्य सुरक्षा योजना इन समस्याओं से निपटने में प्रभावी साबित हो सकती हैं।

पोषण की कमी: भारत के कई क्षेत्रों में कुपोषण और आहार की कमी जैसी गंभीर समस्याएँ बनी है। पोषण सुरक्षा का मकसद सिर्फ खाना उपलब्ध कराना नहीं बल्कि उसे पोषक तत्वों से भरपूर भी बनाना भी है ताकि लोग स्वस्थ रह सकें।

आर्थिक स्थिरता: खाद्य सुरक्षा केवल उपभोग के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह आर्थिक स्थिरता के लिए भी आवश्यक है। खाद्य सुरक्षा से जुड़े योजनाओं और नीतियों से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक अवसर भी बढ़ते हैं।

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खाद्य सुरक्षा के उद्देश्य

खाद्य सुरक्षा (Khadya suraksha) का उद्देश्य है भारत के सभी नागरिकों को भरपेट भोजन उपलब्ध करवाना है जो की पोषक तत्वों से भरपूर और सुरक्षित हो। ताकि वे एक अच्छा और स्वस्थ्य जीवन जी सकें। 

इसका मतलब है कि किसी को भी भूखा नहीं रहना चाहिए, और जो भोजन मिलता है, वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होना चाहिए। खाद्य सुरक्षा जैसी योजनाओं के ज़रिये सरकार की भी यह कोशिश होती है कि खेती और खाद्य उत्पादन में आने वाली समस्याओं का समाधान किया जा सके, ताकि भविष्य में भी सभी के लिए खाना उपलब्ध हो।

खाद्य सुरक्षा के उपाय

खाद्य सुरक्षा (Food Security) के लिए कुछ अहम उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले, किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज और खाद्य दिए जाएं ताकि फसल की पैदावार बढ़े। इसके अलावा, फसलों को कीड़ों और बीमारियों से बचाने के लिए सही दवाओं का इस्तेमाल किया जाए। 

खाने को बर्बाद होने से बचाने के लिए ठंडे गोदाम और अच्छे ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था होनी चाहिए। सरकारी योजनाओं के तहत गरीबों को सस्ते दाम पर अनाज मिलना चाहिए। साथ ही, लोगों को सही ढंग से खाना स्टोर और पकाने की जानकारी दी जाए ताकि खाने की बर्बादी कम हो।

खाद्य स्थिरता के संदर्भ में राजस्थान की स्थिति

राजस्थान, भारत का एक ऐसा राज्य है जहाँ पानी की कमी और सूखा एक नियमित समस्या है। इन समस्याओं के चलते यहाँ की कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे खाद्य संकट उत्पन्न हो सकता है। यहाँ के कई जिलों में भूमिगत जल स्तर काफी गिर चुका है, और फसलों की उपज में कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप, यहाँ के लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं।

राजस्थान सरकार ने खाद्य सुरक्षा के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं, जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और राशन कार्ड। इन योजनाओं के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को सब्सिडी पर खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके अलावा, सरकार ने खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए हैं।

हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद, राजस्थान में पोषण सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। सूखा और जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों की उपज में अस्थिरता बनी रहती है। इस स्थिति से निपटने के लिए दीर्घकालिक और स्थायी समाधान की आवश्यकता है, जैसे सूखा प्रतिरोधी फसलों की खेती, जल संरक्षण की तकनीकों का उपयोग, और स्थानीय कृषि की स्थिति को मजबूत करना।

खाद्य सुरक्षा समाज के हर वर्ग की जिम्मेदारी

Khadya suraksha केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को इसमें अपनी भूमिका निभानी होगी। समुदायों को मिलकर काम करना होगा ताकि हर व्यक्ति को पर्याप्त और पोषक भोजन मिल सके। 

राजस्थान जैसे सूखा प्रभावित क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि Khadya suraksha को सुनिश्चित किया जा सके और सभी लोगों को बेहतर जीवन जीने का अवसर मिल सके।

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लगातार पुछे जाने वाले प्रश्न

  1. आज भारत में खाद्य सुरक्षा की इतनी आवश्यकता क्यों है ?

 भारत में बढ़ती जनसंख्या, सीमित कृषि भूमि, और जलवायु परिवर्तन के कारण खाद्य सुरक्षा अनिवार्य है ताकि सभी को पोषक आहार मिल सके और देश की आर्थिक व राष्ट्रीय स्थिरता बनी रहे

      2. राजस्थान सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम कब लागु किया ? 

 राजस्थान सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम साल 2013 में लोगो को कुपोषण और भुखमरी से बचाने के लिए लागु किया था

     3. जलवायु परिवर्तन का खाद्य सुरक्षा पर क्या प्रभाव है ?

 जलवायु परिवर्तन से फसल उत्पादन में कमी, सूखे और बाढ़ जैसी आपदाओं की संभावना बढ़ जाती है, जिससे खाद्य पदार्थो पर खतरा है।

     4. कुपोषण की समस्या को सुलझाने में खाद्य सुरक्षा कैसे मदद करती है?

 खाद्य सुरक्षा के माध्यम से सभी लोगों को पर्याप्त और पोषक आहार सुनिश्चित किया जा सकता है, जिससे कुपोषण की समस्या को कम किया जा सकता है।

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ओम गोधवानी

ओम गोधवानी बलवान कृषि में कंटेंट क्यूरेटर विभागाध्यक्ष हैं, जिनके पास कृषि और किसानों से सम्बंधित कंटेंट क्यूरेटशन में कई वर्षों का अनुभव है।

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