आज के समय में जैसे-जैसे हम टेक्नोलॉजी को अपनाते जा रहे है और विकास के नए नए तरीको को खोजते जा रहे है हमारे शहरों में जगह और कम होती जा रही है। ऐसे में जिन्हे गार्डनिंग (Gardening) और पौधे लगाने (Plantation) का शौक है वो कैसे कम जगह में अपने पैशन को फॉलो करे और कैसे हेल्थी गार्डनिंग को एन्जॉय करे
इन सभी समस्याओ का हल आखिर हमें टेक्नोलॉजी ने ही दिया जिसका नाम है कोको पीट(coco peat) जिसे कोकोनट कॉयर और कोकोनट डस्ट (coconut dust) के नाम से भी जाना जाता है
कोको पीट(coco peat) का उपयोग इसमें उपस्थित पोषक तत्व, इसके पानी को सोखने की अद्भुत क्षमता और एंटी फंगल गुण की वजह से बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो गया है, आज के इस ब्लॉग में हम कोको पीट(coco peat ) के बारे में सब कुछ जानेगे, जिसमे यह बनती कैसे है, इसके क्या फायदे है, इसमें कोन कोन सी फसले हम उगा सकते है
और बहुत कुछ……
कोको पीट क्या है? | What is coco peat?
कोको पीट(coco peat), नारियल के बाहरी कवर से निकाले गए रेशो या भूसी से तैयार हुआ, दिखने में मिट्टी जैसा पाउडर होता है, जो हल्का और पानी को सोखने की क्षमता की वजह से गर्म इलाको में कम जगह में उगाये गए पौधों के लिए वरदान है,
कोको पीट अपने वज़न से 8 – 12 गुना ज़्यादा पानी को सोख सकता है मतलब अगर कोको पीट का वज़न 1 kg है तो यह 8 से 12 लीटर पानी को सोख सकता है जिससे पौधों में नमी बनी रहती है। इसको बनाने का तरीका बहुत ही आसान और सस्ता है जिस वजह से आप इसे अपने घर पर भी बना सकते हो
कोको पीट को कैसे बनाये? | How to make coco peat?
कोको पीट को बनाने का आसान तरीका यह है
कोको पीट के फायदे क्या क्या है? | What are the benefits of coco peat?
- अच्छी ड्रेनेज सिस्टम: कोको पीट पौधों में पानी के सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है जिससे उचित पानी की सप्लाई मिले, पोधो में पोषण मिलता रहे और जड़ों को गलने से बचाया जा सके
- पौधों के लिए ठंडक: कोको पीट पौधों को गर्म मौसम में ठंडा बनाए रखने में मदद करता है, जिससे वे गर्मियों में बेहतर तरीके से बढ़ सके
- लाइटवेट: यह वज़न में काफी हल्का होता है, जिससे पौधों के पोट या ग्रोबेग में बोझ कम हो जाता है इसी वजह से हम इन्हे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह मूव कर सकते है
- प्रदूषण नियंत्रण: यह पौधों के रूप में प्रदूषण के खिलाफ एक ज़बरदस्त हथियार है , क्योंकि यह पौधों को नियंत्रित मिट्टी और विकास की स्थितियों में स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
- बेहतर चॉइस: कोको पीट पौधों के लिए प्राकृतिक मिट्टी की एक बेहतर चॉइस के रूप में काम करती है और यह उन्हें ज़रूरी पोषण और शक्ति प्रदान करती है
कोको पीट में कोन-कोन से पौधे या फसले उगा सकते है? | What plants or crops can be grown in coco peat?
- घासी फसलें: बाजरा, गेहूं, जौ, ओट्स आदि।
- फलीदार पौधे: टमाटर, मिर्च, बैंगन, कद्दू, तोरी, और सब्जियां जैसे कि पालक, सरसों, मेथी आदि।
- फूलदार पौधे: गुलाब, गेंदे का फूल, पेटुनिया, लैवेंडर, आदि।
- हर्ब्स: मिंट, तुलसी, धनिया, रोजमैरी, लेमन ग्रास, आदि।
- खूशबू वाले पौधे: फ्रेंच लेवेंडर, रोजमैरी, मिंट, तुलसी आदि।
- औषधीय पौधे: एलोवेरा, नीम, तुलसी, अश्वगंधा, ब्रह्मी, आदि।
Note: इन सभी पौधों को या फसलों को उगाने के लिए कोको पीट coco peat में सही मात्रा में जैविक खाद (Organic manure) और पानी को डालना और पौधों ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है तभी आपको एक स्वस्थ और सभी पोषक तत्वों से भरपूर पौधे मिलेंगे।
पौधों में पानी डालने के लिए विभिन्न प्रकार के स्प्रेयर आते हैं यह भी देखा जाता हैं की लोगो में असमंजस होता है की बैटरी स्प्रेयर बढ़िया हैं या मैन्युअल स्प्रयेर यह जानने के लिए आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके जान सकते है
Battery Sprayers Vs Manual Sprayers: Which One is Best for Your Farm?
Step:1
सबसे पहले सूखे नारियल के बाहरी हिस्से को मतलब रेशो को अच्छे से अलग कर ले
Step:2
एक बाल्टी या कंटेनर ले जिसमे बराबर मात्रा में मिट्टी और पानी को डालकर मिक्स कर ले
Step:3
फिर इसमें अलग किये गए नारियल के रेशो को डाल दे
बाल्टी या कंटेनर को अच्छे से बंद करके 30 से 35 दिनों तक रख दे
ऐसा करने से हमें पूरी तरह से बना आर्गेनिक उर्वरक (organic fertilizer) मिलेगा जो ना सिर्फ पौधों को गर्म मौसम में नमी देगा बल्कि उनके पोषण को भी बरकरार रखेगा
Step:4
30 से 35 दिनों के बाद नारियल के छिलको को मिट्टी – पानी के मिश्रण से अलग कर ले और 2 से 3 दिनों के लिए तेज़ धुप में सूखने के लिए रख दे।
मिट्टी-पानी के मिश्रण को पोधो में डाल दे।
Step:5
जब नारियल के छिलके सूख जाए तो इन्हे कूट ले या ग्राइंडर की मदद से पाउडर बना ले इस पाउडर में कई पोषक तत्व होते जो आपके पौधों को ज़रूरी पोषण देते है जिसमे नाइट्रोजन, पोटैशियम, फॉस्फोरस, मेग्नीशियम और ज़िंक शामिल है।
Note: इस पाउडर को आप 1 साल तक स्टोर करके रख सकते है।
FAQ’S
Q: क्या हम कोको पीट (coco peat)का उपयोग घर पर भी कर सकते है?
A: जी हां, हम कोकोपीट का घर पर उपयोग कर सकते हैं। नीचे दिए गए तरीके से आप कोकोपीट (coco peat) को घर पर बना सकते हैं:
- नारियल की भूसी (coconut husk) या रेशो को कैंची से छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
- कटे हुए टुकड़ों को मिक्सर या ग्राइंडर की मदद से पीस लें।
- पीसने के बाद रेशों को हटा दें और धूल को इकट्ठा कर लें।
- धूल एकत्रित करने के बाद इसमें पर्याप्त पानी मिलाएं, और कुछ घंटों के लिए रख दें।
- कुछ समय बाद घोल गदमेले रंग का हो जाएगा , अब इस घोल से बुरादे को निचोड़कर पानी को फेंक दें।
- दोबारा इस नारियल के बुरादे को साफ पानी में डालकर 1 से 2 दिनों के लिए रख दें।
- 1 से 2 दिन के बाद फूली हुई कोकोपीट को निचोड़कर अतिरिक्त पानी निकाल दें।
- अब इस कोकोपीट को 1 दिन के लिए धूप में सूखने के लिए रख दें।
- सूखने के बाद आप कोकोपीट का उपयोग कर सकते हैं।
इस तरीके से आप घर पर ही कोकोपीट तैयार कर सकते हैं और इसका उपयोग अपने पौधों के लिए कर सकते हैं।
Q: क्या कोको पीट(coco peat) पौधों के लिए अच्छा है?
A: जी हां, कोको पीट पौधों के लिए वरदान साबित हुआ है। कोको पीट को पौधों के पोटिंग मिक्स में शामिल किया जा सकता है, जो पौधों के अच्छे पोषण और उनमे पानी के संतुलन की देखभाल करने में मदद करता है। कोको पीट के कई फायदे है जिनमे:
- अच्छा ड्रेनेज सिस्टम: कोको पीट पोधो में पानी के सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है जिससे उचित पानी की सप्लाई मिले, पोधो में पोषण मिलता रहे और जड़ों को गलने से बचाया जा सके
- पौधों के लिए ठंडक: कोको पीट पौधों को गर्म मौसम में ठंडा बनाए रखने में मदद करता है, जिससे वे गर्मियों में बेहतर तरीके से बढ़ सके
- लाइटवेट: यह वज़न में काफी हल्का होता है, जिससे पौधों के पोट या ग्रोबेग में बोझ कम हो जाता है इसी वजह से हम इन्हे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह मूव कर सकते है
- प्रदूषण नियंत्रण: यह पौधों के रूप में प्रदूषण के खिलाफ एक ज़बरदस्त हथियार है , क्योंकि यह पौधों को नियंत्रित मिट्टी और विकास की स्थितियों में स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
- बेहतर चॉइस: कोको पीट पौधों के लिए प्राकृतिक मिट्टी की एक बेहतर चॉइस के रूप में काम करती है और यह उन्हें ज़रूरी पोषण और शक्ति प्रदान करती है
Q: क्या कोकोपीट (coco peat) मिट्टी से बेहतर है?
A: कोको पीट मिट्टी से कुछ मामलों में बेहतर हो सकता है, लेकिन यह आपकी ज़रूरत पर निर्भर करता है
जैसे की कही जगहों पर जहा मौसम काफी गरम होता है जिसकी वजह से मिट्टी पोधो में नमी को बनाये रखने में नाकाम साबित होती है कोको पीट जो अपने वज़न से 8-12 गुना ज़्यादा पानी को सोख सकता है और सख्त मौसम में पोधो की पोषण की ज़रूरत को पूरी करता है वहा यह सबसे अच्छा विकल्प बनकर आता है
इसी तरह मिट्टी में उर्वरता यानी पोषक तत्वों की मात्रा कोको पीट से ज़्यादा होती है जहा हमें पोषण की ज़्यादा ज़रूरत होती है वहा कोको पीट सफल नहीं होता है लेकिन अगर हम सही मात्रा में आर्गेनिक खाद का उपयोग करे वहा हमें कोको पीट अच्छे और स्वस्थ पौधे दे सकती है.
Q: कोकोपीट (coco peat) में कौन से पोषक तत्व होते हैं?
A: कोको पीट में तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जिसमे:
नाइट्रोजन (Nitrogen): यह पौधों के विकास और पत्तियों की सही ग्रोथ के लिए ज़रूरी है। नाइट्रोजन पौधों के सबसे आवश्यक पोषक तत्वों में से एक होता है।
फास्फोरस (Phosphorus): फास्फोरस ज़रूरी विकास, और फलने के लिए आवश्यक होता है। यह जड़ों और बीजों के विकास में भी बड़ा रोल अदा करता है
पोटैशियम (Potassium): पोटैशियम पौधों की क्षमता और मज़बूती को बढ़ावा देता है। यह पौधों की जल संतुलन और कई बीमारियों से बचाओ में मदद करता है
कैल्शियम (Calcium): कैल्शियम पौधों की बुनियादी बनावट के लिए आवश्यक होता है, जिससे पौधों को मजबूती और स्थिरता मिलती है
मैग्नीशियम (Magnesium): मैग्नीशियम पौधों को उनका प्राकृतिक हरा रंग देने में बड़ा रोल अदा करता है और फोटोसिंथेसिस को सफल बनाने में मदद करता है।
सल्फर (Sulfur): सल्फर पौधों के प्रोटीन बनाने में मदद करता है और उनकी क्षमता को बढ़ावा देता है।